فَاعْلَمْ أَنَّهُ لَا إِلَٰهَ إِلَّا اللَّهُ وَاسْتَغْفِرْ لِذَنْبِكَ وَلِلْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ ۗ وَاللَّهُ يَعْلَمُ مُتَقَلَّبَكُمْ وَمَثْوَاكُمْ 19
तो फिर समझ लो कि ख़ुदा के सिवा कोई माबूद नहीं और (हम से) अपने और ईमानदार मर्दों और ईमानदार औरतों के गुनाहों की माफ़ी मांगते रहो और ख़ुदा तुम्हारे चलने फिरने और ठहरने से (ख़ूब) वाक़िफ़ है