مَنْ يُطِعِ الرَّسُولَ فَقَدْ أَطَاعَ اللَّهَ ۖ وَمَنْ تَوَلَّىٰ فَمَا أَرْسَلْنَاكَ عَلَيْهِمْ حَفِيظًا 80
जिसने रसूल की इताअत की तो उसने ख़ुदा की इताअत की और जिसने रूगरदानी की तो तुम कुछ ख्याल न करो (क्योंकि) हमने तुम को पासबान (मुक़र्रर) करके तो भेजा नहीं है