وَالَّذِينَ سَعَوْا فِي آيَاتِنَا مُعَاجِزِينَ أُولَٰئِكَ لَهُمْ عَذَابٌ مِنْ رِجْزٍ أَلِيمٌ 5
और जिन लोगों ने हमारी आयतों (के तोड़) में मुक़ाबिले की दौड़-धूप की उन ही के लिए दर्दनाक अज़ाब की सज़ा होगी