और जब उनसे कहा जाता है कि जो (किताब) ख़ुदा ने नाज़िल की है उसकी पैरवी करो तो (छूटते ही) कहते हैं कि नहीं हम तो उसी (तरीक़े से चलेंगे) जिस पर हमने अपने बाप दादाओं को पाया भला अगरचे शैतान उनके बाप दादाओं को जहन्नुम के अज़ाब की तरफ बुलाता रहा हो (तो भी उन्ही की पैरवी करेंगे)