وَمَنْ جَاهَدَ فَإِنَّمَا يُجَاهِدُ لِنَفْسِهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ لَغَنِيٌّ عَنِ الْعَالَمِينَ 6
और जो शख्स (इबादत में) कोशिश करता है तो बस अपने ही वास्ते कोशिश करता है (क्योंकि) इसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा सारे जहाँन (की इबादत) से बेनियाज़ है