وَيَسْتَعْجِلُونَكَ بِالْعَذَابِ ۚ وَلَوْلَا أَجَلٌ مُسَمًّى لَجَاءَهُمُ الْعَذَابُ وَلَيَأْتِيَنَّهُمْ بَغْتَةً وَهُمْ لَا يَشْعُرُونَ 53
और (ऐ रसूल) तुमसे लोग अज़ाब के नाज़िल होने की जल्दी करते हैं और अगर (अज़ाब का) वक्त मुअय्यन न होता तो यक़ीनन उनके पास अब तक अज़ाब आ जाता और (आख़िर एक दिन) उन पर अचानक ज़रुर आ पड़ेगा और उनको ख़बर भी न होगी