مَنْ كَانَ يَرْجُو لِقَاءَ اللَّهِ فَإِنَّ أَجَلَ اللَّهِ لَآتٍ ۚ وَهُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ 5
जो शख्स ख़ुदा से मिलने (क़यामत के आने) की उम्मीद रखता है तो (समझ रखे कि) ख़ुदा की (मुक़र्रर की हुई) मीयाद ज़रुर आने वाली है और वह (सबकी) सुनता (और) जानता है