وَمِنْ رَحْمَتِهِ جَعَلَ لَكُمُ اللَّيْلَ وَالنَّهَارَ لِتَسْكُنُوا فِيهِ وَلِتَبْتَغُوا مِنْ فَضْلِهِ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ 73
और उसने अपनी मेहरबानी से तुम्हारे वास्ते रात और दिन को बनाया ताकि तुम रात में आराम करो और दिन में उसके फज़ल व करम (रोज़ी) की तलाश करो और ताकि तुम लोग शुक्र करो