وَمَا أُوتِيتُمْ مِنْ شَيْءٍ فَمَتَاعُ الْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَزِينَتُهَا ۚ وَمَا عِنْدَ اللَّهِ خَيْرٌ وَأَبْقَىٰ ۚ أَفَلَا تَعْقِلُونَ 60
और तुम लोगों को जो कुछ अता हुआ है तो दुनिया की (ज़रा सी) ज़िन्दगी का फ़ायदा और उसकी आराइश है और जो कुछ ख़ुदा के पास है वह उससे कही बेहतर और पाएदार है तो क्या तुम इतना भी नहीं समझते