فَتِلْكَ بُيُوتُهُمْ خَاوِيَةً بِمَا ظَلَمُوا ۗ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً لِقَوْمٍ يَعْلَمُونَ 52
ये बस उनके घर हैं कि उनकी नाफरमानियों की वज़ह से ख़ाली वीरान पड़े हैं इसमे शक नही कि उस वाक़िये में वाक़िफ कार लोगों के लिए बड़ी इबरत है