وَيَعْبُدُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ مَا لَمْ يُنَزِّلْ بِهِ سُلْطَانًا وَمَا لَيْسَ لَهُمْ بِهِ عِلْمٌ ۗ وَمَا لِلظَّالِمِينَ مِنْ نَصِيرٍ 71
बेशक ये (सब कुछ) खुदा पर आसान है और ये लोग खुदा को छोड़कर उन लोगों की इबादत करते हैं जिनके लिए न तो ख़ुदा ही ने कोई सनद नाज़िल की है और न उस (के हक़ होने) का खुद उन्हें इल्म है और क़यामत में तो ज़ालिमों का कोई मददगार भी नहीं होगा