وَقَالُوا لَنْ تَمَسَّنَا النَّارُ إِلَّا أَيَّامًا مَعْدُودَةً ۚ قُلْ أَتَّخَذْتُمْ عِنْدَ اللَّهِ عَهْدًا فَلَنْ يُخْلِفَ اللَّهُ عَهْدَهُ ۖ أَمْ تَقُولُونَ عَلَى اللَّهِ مَا لَا تَعْلَمُونَ 80
और कहते हैं कि गिनती के चन्द दिनों के सिवा हमें आग छुएगी भी तो नहीं (ऐ रसूल) इन लोगों से कहो कि क्या तुमने खुदा से कोई इक़रार ले लिया है कि फिर वह किसी तरह अपने इक़रार के ख़िलाफ़ हरगिज़ न करेगा या बे समझे बूझे खुदा पर बोहताव जोड़ते हो