(ऐ रसूल) कह दो कि मैं भी तुम्हारा ही ऐसा एक आदमी हूँ (फर्क़ इतना है) कि मेरे पास ये वही आई है कि तुम्हारे माबूद यकता माबूद हैं तो वो शख्स आरज़ूमन्द होकर अपने परवरदिगार के सामने हाज़िर होगा तो उसे अच्छे काम करने चाहिए और अपने परवरदिगार की इबादत में किसी को शरीक न करें