فَمَا أَغْنَىٰ عَنْهُمْ مَا كَانُوا يَكْسِبُونَ 84
फिर जो कुछ वह अपनी हिफाज़त की तदबीर किया करते थे (अज़ाब ख़ुदा से बचाने में) कि कुछ भी काम न आयीं