فَأَخَذَتْهُمُ الصَّيْحَةُ مُشْرِقِينَ 73
(लूत की सुनते काहे को) ग़रज़ सूरज निकलते निकलते उनको (बड़े ज़ोरो की) चिघाड़ न ले डाला