وَهِيَ تَجْرِي بِهِمْ فِي مَوْجٍ كَالْجِبَالِ وَنَادَىٰ نُوحٌ ابْنَهُ وَكَانَ فِي مَعْزِلٍ يَا بُنَيَّ ارْكَبْ مَعَنَا وَلَا تَكُنْ مَعَ الْكَافِرِينَ 42
और कश्ती है कि पहाड़ों की सी (ऊँची) लहरों में उन लोगों को लिए हुए चली जा रही है और नूह ने अपने बेटे को जो उनसे अलग थलग एक गोशे (कोने) में था आवाज़ दी ऐ मेरे फरज़न्द हमारी कश्ती में सवार हो लो और काफिरों के साथ न रह