وَاصْنَعِ الْفُلْكَ بِأَعْيُنِنَا وَوَحْيِنَا وَلَا تُخَاطِبْنِي فِي الَّذِينَ ظَلَمُوا ۚ إِنَّهُمْ مُغْرَقُونَ 37
और (बिस्मिल्लाह करके) हमारे रुबरु और हमारे हुक्म से कश्ती बना डालो और जिन लोगों ने ज़ुल्म किया है उनके बारे में मुझसे सिफारिश न करना क्योंकि ये लोग ज़रुर डुबा दिए जाएँगें