Translation Surah Fussilat Ayat 53

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

سَنُرِيهِمْ آيَاتِنَا فِي الْآفَاقِ وَفِي أَنْفُسِهِمْ حَتَّىٰ يَتَبَيَّنَ لَهُمْ أَنَّهُ الْحَقُّ ۗ أَوَلَمْ يَكْفِ بِرَبِّكَ أَنَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ شَهِيدٌ 53

हम अनक़रीब ही अपनी (क़ुदरत) की निशानियाँ अतराफ (आलम) में और ख़़ुद उनमें भी दिखा देगें यहाँ तक कि उन पर ज़ाहिर हो जाएगा कि वही यक़ीनन हक़ है क्या तुम्हारा परवरदिगार इसके लिए काफी नहीं कि वह हर चीज़ पर क़ाबू रखता है