Translation Surah Fussilat Ayat 16

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

فَأَرْسَلْنَا عَلَيْهِمْ رِيحًا صَرْصَرًا فِي أَيَّامٍ نَحِسَاتٍ لِنُذِيقَهُمْ عَذَابَ الْخِزْيِ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا ۖ وَلَعَذَابُ الْآخِرَةِ أَخْزَىٰ ۖ وَهُمْ لَا يُنْصَرُونَ 16

तो हमने भी (तो उनके) नहूसत के दिनों में उन पर बड़ी ज़ोरों की ऑंधी चलाई ताकि दुनिया की ज़िन्दगी में भी उनको रूसवाई के अज़ाब का मज़ा चखा दें और आखेरत का अज़ाब तो और ज्यादा रूसवा करने वाला ही होगा और (फिर) उनको कहीं से मदद भी न मिलेगी