Translation Surah Ghafir Ayat 55

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ وَاسْتَغْفِرْ لِذَنْبِكَ وَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ بِالْعَشِيِّ وَالْإِبْكَارِ 55

(ऐ रसूल) तुम (उनकी शरारत) पर सब्र करो बेशक ख़ुदा का वायदा सच्चा है, और अपने (उम्मत की) गुनाहों की माफी माँगो और सुबह व शाम अपने परवरदिगार की हम्द व सना के साथ तसबीह करते रहो