Translation Surah Al-Imran Ayat 91

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

إِنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا وَمَاتُوا وَهُمْ كُفَّارٌ فَلَنْ يُقْبَلَ مِنْ أَحَدِهِمْ مِلْءُ الْأَرْضِ ذَهَبًا وَلَوِ افْتَدَىٰ بِهِ ۗ أُولَٰئِكَ لَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ وَمَا لَهُمْ مِنْ نَاصِرِينَ 91

बेशक जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तियार किया और कुफ़्र की हालत में मर गये तो अगरचे इतना सोना भी किसी की गुलू ख़लासी (छुटकारा पाने) में दिया जाए कि ज़मीन भर जाए तो भी हरगिज़ न कुबूल किया जाएगा यही लोग हैं जिनके लिए दर्दनाक अज़ाब होगा और उनका कोई मददगार भी न होगा