Translation Surah Al-Haj Ayat 65

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

أَلَمْ تَرَ أَنَّ اللَّهَ سَخَّرَ لَكُمْ مَا فِي الْأَرْضِ وَالْفُلْكَ تَجْرِي فِي الْبَحْرِ بِأَمْرِهِ وَيُمْسِكُ السَّمَاءَ أَنْ تَقَعَ عَلَى الْأَرْضِ إِلَّا بِإِذْنِهِ ۗ إِنَّ اللَّهَ بِالنَّاسِ لَرَءُوفٌ رَحِيمٌ 65

क्या तूने उस पर भी नज़र न डाली कि जो कुछ रूए ज़मीन में है सबको खुदा ही ने तुम्हारे क़ाबू में कर दिया है और कश्ती को (भी) जो उसके हुक्म से दरिया में चलती है और वही तो आसमान को रोके हुए है कि ज़मीन पर न गिर पड़े मगर (जब) उसका हुक्म होगा (तो गिर पडेग़ा) इसमें शक नहीं कि खुदा लोगों पर बड़ा मेहरबान व रहमवाला है