Translation Surah Al-Anbiya Ayat 45

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

قُلْ إِنَّمَا أُنْذِرُكُمْ بِالْوَحْيِ ۚ وَلَا يَسْمَعُ الصُّمُّ الدُّعَاءَ إِذَا مَا يُنْذَرُونَ 45

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तो बस तुम लोगों को ''वही'' के मुताबिक़ (अज़ाब से) डराता हूँ (मगर तुम लोग गोया बहरे हो) और बहरों को जब डराया जाता है तो वह पुकारने ही को नहीं सुनते (डरें क्या ख़ाक)