Translation Surah Hud Ayat 109

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

فَلَا تَكُ فِي مِرْيَةٍ مِمَّا يَعْبُدُ هَٰؤُلَاءِ ۚ مَا يَعْبُدُونَ إِلَّا كَمَا يَعْبُدُ آبَاؤُهُمْ مِنْ قَبْلُ ۚ وَإِنَّا لَمُوَفُّوهُمْ نَصِيبَهُمْ غَيْرَ مَنْقُوصٍ 109

ये वह बख़्शिस है जो कभी मनक़तआ (खत्म) न होगी तो ये लोग (ख़ुदा के अलावा) जिसकी परसतिश करते हैं तुम उससे शक़ में न पड़ना ये लोग तो बस वैसी इबादत करते हैं जैसी उनसे पहले उनके बाप दादा करते थे और हम ज़रुर (क़यामत के दिन) उनको (अज़ाब का) पूरा पूरा हिस्सा बग़ैर कम किए देगें