Translation Surah Al-Anaam Ayat 54

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

وَإِذَا جَاءَكَ الَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِآيَاتِنَا فَقُلْ سَلَامٌ عَلَيْكُمْ ۖ كَتَبَ رَبُّكُمْ عَلَىٰ نَفْسِهِ الرَّحْمَةَ ۖ أَنَّهُ مَنْ عَمِلَ مِنْكُمْ سُوءًا بِجَهَالَةٍ ثُمَّ تَابَ مِنْ بَعْدِهِ وَأَصْلَحَ فَأَنَّهُ غَفُورٌ رَحِيمٌ 54

और जो लोग हमारी आयतों पर ईमान लाए हैं तुम्हारे पास ऑंए तो तुम सलामुन अलैकुम (तुम पर ख़ुदा की सलामती हो) कहो तुम्हारे परवरदिगार ने अपने ऊपर रहमत लाज़िम कर ली है बेशक तुम में से जो शख़्श नादानी से कोई गुनाह कर बैठे उसके बाद फिर तौबा करे और अपनी हालत की (असलाह करे ख़ुदा उसका गुनाह बख्श देगा क्योंकि) वह यक़ीनी बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है