Translation Surah Al-Maidah Ayat 113

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

قَالُوا نُرِيدُ أَنْ نَأْكُلَ مِنْهَا وَتَطْمَئِنَّ قُلُوبُنَا وَنَعْلَمَ أَنْ قَدْ صَدَقْتَنَا وَنَكُونَ عَلَيْهَا مِنَ الشَّاهِدِينَ 113

वह अर्ज़ करने लगे हम तो फक़त ये चाहते है कि इसमें से (बरतकन) कुछ खाएँ और हमारे दिल को (आपकी रिसालत का पूरा पूरा) इत्मेनान हो जाए और यक़ीन कर लें कि आपने हमसे (जो कुछ कहा था) सच फरमाया था और हम लोग इस पर गवाह रहें