Translation Surah Fussilat Ayat 5

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

وَقَالُوا قُلُوبُنَا فِي أَكِنَّةٍ مِمَّا تَدْعُونَا إِلَيْهِ وَفِي آذَانِنَا وَقْرٌ وَمِنْ بَيْنِنَا وَبَيْنِكَ حِجَابٌ فَاعْمَلْ إِنَّنَا عَامِلُونَ 5

और कहने लगे जिस चीज़ की तरफ तुम हमें बुलाते हो उससे तो हमारे दिल पर्दों में हैं (कि दिल को नहीं लगती) और हमारे कानों में गिर्दानी (बहरापन है) कि कुछ सुनायी नहीं देता और हमारे तुम्हारे दरमियान एक पर्दा (हायल) है तो तुम (अपना) काम करो हम (अपना) काम करते हैं