Translation Surah Luqman Ayat 20

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

أَلَمْ تَرَوْا أَنَّ اللَّهَ سَخَّرَ لَكُمْ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ وَأَسْبَغَ عَلَيْكُمْ نِعَمَهُ ظَاهِرَةً وَبَاطِنَةً ۗ وَمِنَ النَّاسِ مَنْ يُجَادِلُ فِي اللَّهِ بِغَيْرِ عِلْمٍ وَلَا هُدًى وَلَا كِتَابٍ مُنِيرٍ 20

क्या तुम लोगों ने इस पर ग़ौर नहीं किया कि जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही ने यक़ीनी तुम्हारा ताबेए कर दिया है और तुम पर अपनी ज़ाहिरी और बातिनी नेअमतें पूरी कर दीं और बाज़ लोग (नुसर बिन हारिस वगैरह) ऐसे भी हैं जो (ख्वाह मा ख्वाह) ख़ुदा के बारे में झगड़ते हैं (हालॉकि उनके पास) न इल्म है और न हिदायत है और न कोई रौशन किताब है