Translation Surah Al-Qasas Ayat 82

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

وَأَصْبَحَ الَّذِينَ تَمَنَّوْا مَكَانَهُ بِالْأَمْسِ يَقُولُونَ وَيْكَأَنَّ اللَّهَ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَشَاءُ مِنْ عِبَادِهِ وَيَقْدِرُ ۖ لَوْلَا أَنْ مَنَّ اللَّهُ عَلَيْنَا لَخَسَفَ بِنَا ۖ وَيْكَأَنَّهُ لَا يُفْلِحُ الْكَافِرُونَ 82

और जिन लोगों ने कल उसके जाह व मरतबे की तमन्ना की थी वह (आज ये तमाशा देखकर) कहने लगे अरे माज़अल्लाह ये तो ख़ुदा ही अपने बन्दों से जिसकी रोज़ी चाहता है कुशादा कर देता है और जिसकी रोज़ी चाहता है तंग कर देता है और अगर (कहीं) ख़ुदा हम पर मेहरबानी न करता (और इतना माल दे देता) तो उसकी तरह हमको भी ज़रुर धॅसा देता-और माज़अल्लाह (सच है) हरगिज़ कुफ्फार अपनी मुरादें न पाएँगें