Translation Surah Al-Isra Ayat 110

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

قُلِ ادْعُوا اللَّهَ أَوِ ادْعُوا الرَّحْمَٰنَ ۖ أَيًّا مَا تَدْعُوا فَلَهُ الْأَسْمَاءُ الْحُسْنَىٰ ۚ وَلَا تَجْهَرْ بِصَلَاتِكَ وَلَا تُخَافِتْ بِهَا وَابْتَغِ بَيْنَ ذَٰلِكَ سَبِيلًا 110

(ऐ रसूल) तुम (उनसे) कह दो कि (तुम को एख़तियार है) ख्वाह उसे अल्लाह (कहकर) पुकारो या रहमान कह कर पुकारो (ग़रज़) जिस नाम को भी पुकारो उसके तो सब नाम अच्छे (से अच्छे) हैं और (ऐ रसूल) न तो अपनी नमाज़ बहुत चिल्ला कर पढ़ो न और न बिल्कुल चुपके से बल्कि उसके दरमियान एक औसत तरीका एख्तेयार कर लो