Translation Surah Yusuf Ayat 42

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

وَقَالَ لِلَّذِي ظَنَّ أَنَّهُ نَاجٍ مِنْهُمَا اذْكُرْنِي عِنْدَ رَبِّكَ فَأَنْسَاهُ الشَّيْطَانُ ذِكْرَ رَبِّهِ فَلَبِثَ فِي السِّجْنِ بِضْعَ سِنِينَ 42

और उन दोनों में से जिसकी निस्बत यूसुफ ने समझा था वह रिहा हो जाएगा उससे कहा कि अपने मालिक के पास मेरा भी तज़किरा करना (कि मैं बेजुर्म क़ैद हूँ) तो शैतान ने उसे अपने आक़ा से ज़िक्र करना भुला दिया तो यूसुफ क़ैद ख़ाने में कई बरस रहे