Translation Surah Yusuf Ayat 40

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

مَا تَعْبُدُونَ مِنْ دُونِهِ إِلَّا أَسْمَاءً سَمَّيْتُمُوهَا أَنْتُمْ وَآبَاؤُكُمْ مَا أَنْزَلَ اللَّهُ بِهَا مِنْ سُلْطَانٍ ۚ إِنِ الْحُكْمُ إِلَّا لِلَّهِ ۚ أَمَرَ أَلَّا تَعْبُدُوا إِلَّا إِيَّاهُ ۚ ذَٰلِكَ الدِّينُ الْقَيِّمُ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ 40

तुम लोग तो ख़ुदा को छोड़कर बस उन चन्द नामों ही को परसतिश करते हो जिन को तुमने और तुम्हारे बाप दादाओं ने गढ़ लिया है ख़ुदा ने उनके लिए कोई दलील नहीं नाज़िल की हुकूमत तो बस ख़ुदा ही के वास्ते ख़ास है उसने तो हुक्म दिया है कि उसके सिवा किसी की इबादत न करो यही साीधा दीन है मगर (अफसोस) बहुतेरे लोग नहीं जानते हैं