Translation Surah Hud Ayat 87

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

قَالُوا يَا شُعَيْبُ أَصَلَاتُكَ تَأْمُرُكَ أَنْ نَتْرُكَ مَا يَعْبُدُ آبَاؤُنَا أَوْ أَنْ نَفْعَلَ فِي أَمْوَالِنَا مَا نَشَاءُ ۖ إِنَّكَ لَأَنْتَ الْحَلِيمُ الرَّشِيدُ 87

वह लोग कहने लगे ऐ शुएब क्या तुम्हारी नमाज़ (जिसे तुम पढ़ा करते हो) तुम्हें ये सिखाती है कि जिन (बुतों) की परसतिश हमारे बाप दादा करते आए उन्हें हम छोड़ बैठें या हम अपने मालों में जो कुछ चाहे कर बैठें तुम ही तो बस एक बुर्दबार और समझदार (रह गए) हो