Translation Surah Hud Ayat 84

Translation Suhel Farooq Khan (Suhel Farooq Khan)

وَإِلَىٰ مَدْيَنَ أَخَاهُمْ شُعَيْبًا ۚ قَالَ يَا قَوْمِ اعْبُدُوا اللَّهَ مَا لَكُمْ مِنْ إِلَٰهٍ غَيْرُهُ ۖ وَلَا تَنْقُصُوا الْمِكْيَالَ وَالْمِيزَانَ ۚ إِنِّي أَرَاكُمْ بِخَيْرٍ وَإِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ مُحِيطٍ 84

और हमने मदयन वालों के पास उनके भाई शुएब को पैग़म्बर बना कर भेजा उन्होंने (अपनी क़ौम से) कहा ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा की इबादत करो उसके सिवा तुम्हारा कोई ख़ुदा नहीं और नाप और तौल में कोई कमी न किया करो मै तो तुम को आसूदगी (ख़ुशहाली) में देख रहा हूँ (फिर घटाने की क्या ज़रुरत है) और मै तो तुम पर उस दिन के अज़ाब से डराता हूँ जो (सबको) घेर लेगा